पवित्र बाइबिल

समकालीन संस्करण खोलें (OCV)
भजन संहिता
1. [QS]मुझ पर कृपा कीजिए, हे मेरे परमेश्वर, कृपा कीजिए, [QE][QS2]क्योंकि मैंने आपको ही अपना आश्रय-स्थल बनाया है. [QE][QS]मैं आपके पंखों के नीचे आश्रय लिए रहूंगा, [QE][QS2]जब तक विनाश मुझ पर से टल न जाए. [QE][PBR]
2. [QS]मैं सर्वोच्च परमेश्वर को पुकारता हूं, [QE][QS2]वही परमेश्वर, जो मुझे निर्दोष ठहराते हैं. [QE]
3. [QS]वह स्वर्ग से सहायता भेजकर मेरा उद्धार करेंगे; [QE][QS2]जो मुझे कुचलते हैं उनसे उन्हें घृणा है. [QE][QS2]परमेश्वर अपना करुणा-प्रेम[† करुणा-प्रेम मूल में ख़ेसेद इस हिब्री शब्द के अर्थ में अनुग्रह, दया, प्रेम, करुणा ये सब शामिल हैं ] तथा अपना सत्य प्रेषित करेंगे. [QE][PBR]
4. [QS]मैं सिंहों से घिर गया हूं; [QE][QS2]मैं हिंसक पशुओं समान मनुष्यों के मध्य पड़ा हुआ हूं. [QE][QS]उनके दांत भालों और बाणों समान, [QE][QS2]तथा जीभें तलवार समान तीक्ष्ण हैं. [QE][PBR]
5. [QS]परमेश्वर, आप सर्वोच्च स्वर्ग में बसे हैं; [QE][QS2]आपका तेज समस्त पृथ्वी को भयभीत करें. [QE][PBR]
6. [QS]उन्होंने मेरे मार्ग में जाल बिछाया है; [QE][QS2]मेरा प्राण डूबा जा रहा था. [QE][QS]उन्होंने मेरे मार्ग में गड्ढा भी खोद रखा था, [QE][QS2]किंतु वे स्वयं उसी में जा गिरे हैं. [QE][PBR]
7. [QS]मेरा हृदय निश्चिंत है, परमेश्वर, [QE][QS2]मेरा हृदय निश्चिंत है; [QE][QS2]मैं स्तुति करते हुए गाऊंगा और संगीत बजाऊंगा. [QE]
8. [QS]मेरी आत्मा, जागो! [QE][QS2]नेबेल और किन्‍नोर जागो! [QE][QS2]मैं उषःकाल को जागृत करूंगा. [QE][PBR]
9. [QS]प्रभु, मैं लोगों के मध्य आपका आभार व्यक्त करूंगा; [QE][QS2]राष्ट्रों के मघ्य मैं आपका स्तवन करूंगा. [QE]
10. [QS]क्योंकि आपका करुणा-प्रेम आकाश से भी महान है; [QE][QS2]आपकी सच्चाई अंतरीक्ष तक जा पहुंचती है. [QE][PBR]
11. [QS]परमेश्वर, आप सर्वोच्च स्वर्ग में बसे हैं; [QE][QS2]आपका तेज समस्त पृथ्वी को भयभीत करें. [QE]
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 57 / 150
1 मुझ पर कृपा कीजिए, हे मेरे परमेश्वर, कृपा कीजिए, क्योंकि मैंने आपको ही अपना आश्रय-स्थल बनाया है. मैं आपके पंखों के नीचे आश्रय लिए रहूंगा, जब तक विनाश मुझ पर से टल न जाए. 2 मैं सर्वोच्च परमेश्वर को पुकारता हूं, वही परमेश्वर, जो मुझे निर्दोष ठहराते हैं. 3 वह स्वर्ग से सहायता भेजकर मेरा उद्धार करेंगे; जो मुझे कुचलते हैं उनसे उन्हें घृणा है. परमेश्वर अपना करुणा-प्रेम करुणा-प्रेम मूल में ख़ेसेद इस हिब्री शब्द के अर्थ में अनुग्रह, दया, प्रेम, करुणा ये सब शामिल हैं तथा अपना सत्य प्रेषित करेंगे. 4 मैं सिंहों से घिर गया हूं; मैं हिंसक पशुओं समान मनुष्यों के मध्य पड़ा हुआ हूं. उनके दांत भालों और बाणों समान, तथा जीभें तलवार समान तीक्ष्ण हैं. 5 परमेश्वर, आप सर्वोच्च स्वर्ग में बसे हैं; आपका तेज समस्त पृथ्वी को भयभीत करें. 6 उन्होंने मेरे मार्ग में जाल बिछाया है; मेरा प्राण डूबा जा रहा था. उन्होंने मेरे मार्ग में गड्ढा भी खोद रखा था, किंतु वे स्वयं उसी में जा गिरे हैं. 7 मेरा हृदय निश्चिंत है, परमेश्वर, मेरा हृदय निश्चिंत है; मैं स्तुति करते हुए गाऊंगा और संगीत बजाऊंगा. 8 मेरी आत्मा, जागो! नेबेल और किन्‍नोर जागो! मैं उषःकाल को जागृत करूंगा. 9 प्रभु, मैं लोगों के मध्य आपका आभार व्यक्त करूंगा; राष्ट्रों के मघ्य मैं आपका स्तवन करूंगा. 10 क्योंकि आपका करुणा-प्रेम आकाश से भी महान है; आपकी सच्चाई अंतरीक्ष तक जा पहुंचती है. 11 परमेश्वर, आप सर्वोच्च स्वर्ग में बसे हैं; आपका तेज समस्त पृथ्वी को भयभीत करें.
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