1. [QS]याहवेह, मेरी बिनती सुनकर मुझे उत्तर दीजिए, [QE][QS2]क्योंकि मैं दरिद्र तथा दीन हूं. [QE]
2. [QS]मेरे प्राणों की रक्षा कीजिए, क्योंकि मैं आपके प्रति समर्पित हूं; [QE][QS2]अपने इस सेवक को बचा लीजिए, जिसने आप पर भरोसा रखा है. [QE][QS]आप मेरे परमेश्वर हैं;
3. प्रभु, मुझ पर कृपा कीजिए, [QE][QS2]क्योंकि मैं सारा दिन आपको पुकारता रहता हूं. [QE]
4. [QS]अपने सेवक के प्राणों में आनंद का संचार कीजिए, [QE][QS2]क्योंकि, प्रभु, मैं अपना प्राण आपकी ओर उठाता हूं. [QE][PBR]
5. [QS]प्रभु, आप कृपानिधान एवं क्षमा शील हैं, उन सभी के प्रति, [QE][QS2]जो आपको पुकारते हैं, आपका करुणा-प्रेम महान है. [QE]
6. [QS]याहवेह, मेरी प्रार्थना सुनिए; [QE][QS2]कृपा कर मेरी पुकार पर ध्यान दीजिए. [QE]
7. [QS]संकट के अवसर पर मैं आपको पुकारूंगा, [QE][QS2]क्योंकि आप मुझे उत्तर देंगे. [QE][PBR]
8. [QS]प्रभु, देवताओं में कोई भी आपके तुल्य नहीं है; [QE][QS2]आपके कृत्यों की तुलना किसी अन्य से नहीं की जा सकती. [QE]
9. [QS]आपके द्वारा बनाए गए समस्त राष्ट्रों के लोग, [QE][QS2]हे प्रभु, आपके सामने आकर आपकी वंदना करेंगे; [QE][QS2]वे आपकी महिमा का आदर करेंगे. [QE]
10. [QS]क्योंकि आप महान हैं और अद्भुत हैं आपके कृत्य; [QE][QS2]मात्र आप ही परमेश्वर हैं. [QE][PBR]
11. [QS]हे याहवेह, मुझे अपनी राह की शिक्षा दीजिए, [QE][QS2]कि मैं आपके सत्य का आचरण करूं; [QE][QS]मुझे एकचित्त हृदय प्रदान कीजिए, [QE][QS2]कि मैं आपकी महिमा के प्रति श्रद्धा बनाए रखूं. [QE]
12. [QS]मेरे प्रभु परमेश्वर, मैं संपूर्ण हृदय से आपका स्तवन करूंगा; [QE][QS2]मैं आपकी महिमा का आदर सदैव करता रहूंगा. [QE]
13. [QS]क्योंकि मेरे प्रति आपका करुणा-प्रेम अधिक है; [QE][QS2]अधोलोक के गहरे गड्ढे से, [QE][QS2]आपने मेरे प्राण छुड़ा लिए हैं. [QE][PBR]
14. [QS]परमेश्वर, अहंकारी मुझ पर आक्रमण कर रहे हैं; [QE][QS2]क्रूर पुरुषों का समूह मेरे प्राणों का प्यासा है, [QE][QS2]ये वे हैं, जिनके हृदय में आपके लिए कोई सम्मान नहीं है. [QE]
15. [QS]किंतु प्रभु, आप कृपालु और दयालु परमेश्वर हैं, [QE][QS2]आप विलंब से क्रोध करनेवाले तथा अति करुणामय एवं सत्य से परिपूर्ण हैं. [QE]
16. [QS]मेरी ओर फिरकर मुझ पर कृपा कीजिए; [QE][QS2]अपने सेवक को अपनी ओर से शक्ति प्रदान कीजिए; [QE][QS2]अपनी दासी के पुत्र को बचा लीजिए. [QE]
17. [QS]मुझे अपनी खराई का चिन्ह दिखाइए, कि इसे देख मेरे शत्रु लज्जित हो सकें, [QE][QS2]क्योंकि वे देखेंगे, कि याहवेह, आपने मेरी सहायता की है, [QE][QS2]तथा आपने ही मुझे सहारा भी दिया है. [QE]