1. [QS]हे याहवेह, मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर; [QE][QS2]मैं दिन-रात आपको पुकारता रहता हूं. [QE]
2. [QS]मेरी प्रार्थना आप तक पहुंच सके; [QE][QS2]और आप मेरी पुकार सुनें. [QE][PBR]
3. [QS]मेरा प्राण क्लेश में डूब चुका है [QE][QS2]तथा मेरा जीवन अधोलोक के निकट आ पहुंचा है. [QE]
4. [QS]मेरी गणना उनमें होने लगी है, जो कब्र में पड़े हैं; [QE][QS2]मैं दुःखी पुरुष के समान हो गया हूं. [QE]
5. [QS]मैं मृतकों के मध्य छोड़ दिया गया हूं, [QE][QS2]उन वध किए गए पुरुषों के समान, [QE][QS]जो कब्र में पड़े हैं, जिन्हें अब आप स्मरण नहीं करते, [QE][QS2]जो आपकी हितचिंता के योग्य नहीं रह गए. [QE][PBR]
6. [QS]आपने मुझे अधोलोक में डाल दिया है ऐसी गहराई में, [QE][QS2]जहां अंधकार ही अंधकार है. [QE]
7. [QS]आपका कोप मुझ पर अत्यंत भारी पड़ा है; [QE][QS2]मानो मैं लहरों में दबा दिया गया हूं. [QE]
8. [QS]मेरे निकटतम मित्रों को आपने मुझसे दूर कर दिया है, [QE][QS2]आपने मुझे उनकी घृणा का पात्र बना दिया है. [QE][QS]मैं ऐसा बंध गया हूं कि मुक्त ही नहीं हो पा रहा; [QE]
2. [QS2]वेदना से मेरी आंखें धुंधली हो गई हैं. [QE][PBR] [QS]याहवेह, मैं प्रतिदिन आपको पुकारता हूं; [QE][QS2]मैं आपके सामने हाथ फैलाए रहता हूं. [QE]
10. [QS]क्या आप अपने अद्भुत कार्य मृतकों के सामने प्रदर्शित करेंगे? [QE][QS2]क्या वे, जो मृत हैं, जीवित होकर आपकी महिमा करेंगे? [QE]
11. [QS]क्या आपके करुणा-प्रेम[‡ करुणा-प्रेम मूल में ख़ेसेद इस हिब्री शब्द के अर्थ में अनुग्रह, दया, प्रेम, करुणा ये सब शामिल हैं ] की घोषणा कब्र में की जाती है? [QE][QS2]क्या विनाश में आपकी सच्चाई प्रदर्शित होगी? [QE]
12. [QS]क्या अंधकारमय स्थान में आपके आश्चर्य कार्य पहचाने जा सकेंगे, [QE][QS2]अथवा क्या विश्वासघात के स्थान में आपकी धार्मिकता प्रदर्शित की जा सकेगी? [QE][PBR]
13. [QS]किंतु, हे याहवेह, सहायता के लिए मैं आपको ही पुकारता हूं; [QE][QS2]प्रातःकाल ही मैं अपनी मांग आपके सामने प्रस्तुत कर देता हूं. [QE]
14. [QS]हे याहवेह, आप क्यों मुझे अस्वीकार करते रहते हैं, [QE][QS2]क्यों मुझसे अपना मुख छिपाते रहते हैं? [QE][PBR]
15. [QS]मैं युवावस्था से आक्रांत और मृत्यु के निकट रहा हूं; [QE][QS2]मैं आपके आतंक से ताड़ना भोग रहा हूं तथा मैं अब दुःखी रह गया हूं. [QE]
16. [QS]आपके कोप ने मुझे भयभीत कर लिया है; [QE][QS2]आपके आतंक ने मुझे नष्ट कर दिया है. [QE]
17. [QS]सारे दिन ये मुझे बाढ़ के समान भयभीत किए रहते हैं; [QE][QS2]इन्होंने पूरी रीति से मुझे अपने में समाहित कर रखा है. [QE]
18. [QS]आपने मुझसे मेरे मित्र तथा मेरे प्रिय पात्र छीन लिए हैं; [QE][QS2]अब तो अंधकार ही मेरा घनिष्ठ मित्र हो गया है. [QE]