1. [QS]भला है याहवेह के प्रति धन्यवाद, [QE][QS2]सर्वोच्च परमेश्वर, आपकी महिमा का गुणगान करना उपयुक्त है. [QE]
2. [QS](2-3)दस तारों के आसोर, नेबेल [QE][QS2]तथा किन्नोर[* आसोर, नेबेल तथा किन्नोर विभिन्न प्रकार के वाद्य यंत्र ] की संगत पर [QE][QS]प्रातःकाल ही आपके करुणा-प्रेम की उद्घोषणा करना [QE][QS2]तथा रात्रि में आपकी सच्चाई का वर्णन करना अच्छा है. [QE][PBR]
3.
4. [QS]याहवेह, आपने मुझे अपने कार्यों के उल्लास से तृप्त कर दिया है; [QE][QS2]आपके कार्यों के लिए मैं हर्षोल्लास के गीत गाता हूं. [QE]
5. [QS]याहवेह, कैसे अद्भुत हैं, आपके द्वारा निष्पन्न कार्य! [QE][QS2]गहन हैं आपके विचार! [QE]
6. [QS]अज्ञानी के लिए असंभव है इनका अनुभव करना, [QE][QS2]निर्बुद्धि के लिए ये बातें निरर्थक हैं. [QE]
7. [QS]यद्यपि दुष्ट घास के समान अंकुरित तो होते हैं [QE][QS2]और समस्त दुष्ट उन्नति भी करते हैं, [QE][QS2]किंतु उनकी नियति अनंत विनाश ही है. [QE][PBR]
8. [QS]किंतु, याहवेह, आप सदा-सर्वदा सर्वोच्च ही हैं. [QE][PBR]
9. [QS]निश्चयतः आपके शत्रु, याहवेह, [QE][QS2]आपके शत्रु नाश हो जाएंगे; [QE][QS2]समस्त दुष्ट बिखरा दिए जाएंगे. [QE]
10. [QS]किंतु मेरी शक्ति को आपने वन्य सांड़ समान ऊंचा कर दिया है; [QE][QS2]आपने मुझ पर नया नया तेल उंडेल दिया है. [QE]
11. [QS]स्वयं मैंने अपनी ही आंखों से अपने शत्रुओं का पतन देखा है; [QE][QS2]स्वयं मैंने अपने कानों से अपने दुष्ट शत्रुओं के कोलाहल को सुना है. [QE][PBR]
12. [QS]धर्मी खजूर वृक्ष समान फलते जाएंगे, [QE][QS2]उनका विकास लबानोन के देवदार के समान होगा; [QE]
13. [QS]याहवेह के आवास में लगाए [QE][QS2]वे परमेश्वर के आंगन में समृद्ध होते जाएंगे! [QE]
14. [QS]वृद्धावस्था में भी वे फलदार बने रहेंगे, [QE][QS2]उनकी नवीनता और उनकी कान्ति वैसी ही बनी रहेगी, [QE]
15. [QS]कि वे यह घोषणा कर सकें कि, “याहवेह सीधे हैं; [QE][QS2]वह मेरे लिए चट्टान हैं, उनमें कहीं भी, किसी भी दुष्टता की छाया तक नहीं है.” [QE]