पवित्र बाइबिल

समकालीन संस्करण खोलें (OCV)
भजन संहिता
1. [QS]भला है याहवेह के प्रति धन्यवाद, [QE][QS2]सर्वोच्च परमेश्वर, आपकी महिमा का गुणगान करना उपयुक्त है. [QE]
2. [QS](2-3)दस तारों के आसोर, नेबेल [QE][QS2]तथा किन्‍नोर[* आसोर, नेबेल तथा किन्‍नोर विभिन्‍न प्रकार के वाद्य यंत्र ] की संगत पर [QE][QS]प्रातःकाल ही आपके करुणा-प्रेम की उद्घोषणा करना [QE][QS2]तथा रात्रि में आपकी सच्चाई का वर्णन करना अच्छा है. [QE][PBR]
3.
4. [QS]याहवेह, आपने मुझे अपने कार्यों के उल्लास से तृप्‍त कर दिया है; [QE][QS2]आपके कार्यों के लिए मैं हर्षोल्लास के गीत गाता हूं. [QE]
5. [QS]याहवेह, कैसे अद्भुत हैं, आपके द्वारा निष्पन्‍न कार्य! [QE][QS2]गहन हैं आपके विचार! [QE]
6. [QS]अज्ञानी के लिए असंभव है इनका अनुभव करना, [QE][QS2]निर्बुद्धि के लिए ये बातें निरर्थक हैं. [QE]
7. [QS]यद्यपि दुष्ट घास के समान अंकुरित तो होते हैं [QE][QS2]और समस्त दुष्ट उन्‍नति भी करते हैं, [QE][QS2]किंतु उनकी नियति अनंत विनाश ही है. [QE][PBR]
8. [QS]किंतु, याहवेह, आप सदा-सर्वदा सर्वोच्च ही हैं. [QE][PBR]
9. [QS]निश्चयतः आपके शत्रु, याहवेह, [QE][QS2]आपके शत्रु नाश हो जाएंगे; [QE][QS2]समस्त दुष्ट बिखरा दिए जाएंगे. [QE]
10. [QS]किंतु मेरी शक्ति को आपने वन्य सांड़ समान ऊंचा कर दिया है; [QE][QS2]आपने मुझ पर नया नया तेल उंडेल दिया है. [QE]
11. [QS]स्वयं मैंने अपनी ही आंखों से अपने शत्रुओं का पतन देखा है; [QE][QS2]स्वयं मैंने अपने कानों से अपने दुष्ट शत्रुओं के कोलाहल को सुना है. [QE][PBR]
12. [QS]धर्मी खजूर वृक्ष समान फलते जाएंगे, [QE][QS2]उनका विकास लबानोन के देवदार के समान होगा; [QE]
13. [QS]याहवेह के आवास में लगाए [QE][QS2]वे परमेश्वर के आंगन में समृद्ध होते जाएंगे! [QE]
14. [QS]वृद्धावस्था में भी वे फलदार बने रहेंगे, [QE][QS2]उनकी नवीनता और उनकी कान्ति वैसी ही बनी रहेगी, [QE]
15. [QS]कि वे यह घोषणा कर सकें कि, “याहवेह सीधे हैं; [QE][QS2]वह मेरे लिए चट्टान हैं, उनमें कहीं भी, किसी भी दुष्टता की छाया तक नहीं है.” [QE]
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 92 / 150
1 भला है याहवेह के प्रति धन्यवाद, सर्वोच्च परमेश्वर, आपकी महिमा का गुणगान करना उपयुक्त है. 2 (2-3)दस तारों के आसोर, नेबेल तथा किन्‍नोर[* आसोर, नेबेल तथा किन्‍नोर विभिन्‍न प्रकार के वाद्य यंत्र ] की संगत पर प्रातःकाल ही आपके करुणा-प्रेम की उद्घोषणा करना तथा रात्रि में आपकी सच्चाई का वर्णन करना अच्छा है. 3 4 याहवेह, आपने मुझे अपने कार्यों के उल्लास से तृप्‍त कर दिया है; आपके कार्यों के लिए मैं हर्षोल्लास के गीत गाता हूं. 5 याहवेह, कैसे अद्भुत हैं, आपके द्वारा निष्पन्‍न कार्य! गहन हैं आपके विचार! 6 अज्ञानी के लिए असंभव है इनका अनुभव करना, निर्बुद्धि के लिए ये बातें निरर्थक हैं. 7 यद्यपि दुष्ट घास के समान अंकुरित तो होते हैं और समस्त दुष्ट उन्‍नति भी करते हैं, किंतु उनकी नियति अनंत विनाश ही है. 8 किंतु, याहवेह, आप सदा-सर्वदा सर्वोच्च ही हैं. 9 निश्चयतः आपके शत्रु, याहवेह, आपके शत्रु नाश हो जाएंगे; समस्त दुष्ट बिखरा दिए जाएंगे. 10 किंतु मेरी शक्ति को आपने वन्य सांड़ समान ऊंचा कर दिया है; आपने मुझ पर नया नया तेल उंडेल दिया है. 11 स्वयं मैंने अपनी ही आंखों से अपने शत्रुओं का पतन देखा है; स्वयं मैंने अपने कानों से अपने दुष्ट शत्रुओं के कोलाहल को सुना है. 12 धर्मी खजूर वृक्ष समान फलते जाएंगे, उनका विकास लबानोन के देवदार के समान होगा; 13 याहवेह के आवास में लगाए वे परमेश्वर के आंगन में समृद्ध होते जाएंगे! 14 वृद्धावस्था में भी वे फलदार बने रहेंगे, उनकी नवीनता और उनकी कान्ति वैसी ही बनी रहेगी, 15 कि वे यह घोषणा कर सकें कि, “याहवेह सीधे हैं; वह मेरे लिए चट्टान हैं, उनमें कहीं भी, किसी भी दुष्टता की छाया तक नहीं है.”
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