पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. [QS]चलो, हम याहवेह के स्तवन में आनंदपूर्वक गाएं; [QE][QS2]अपने उद्धार की चट्टान के लिए उच्च स्वर में मनोहारी संगीत प्रस्तुत करें. [QE]
2. [QS]हम धन्यवाद के भाव में उनकी उपस्थिति में आएं [QE][QS2]स्तवन गीतों में हम मनोहारी संगीत प्रस्तुत करें. [QE][PBR]
3. [QS]इसलिये कि याहवेह महान परमेश्वर हैं, [QE][QS2]समस्त देवताओं के ऊपर सर्वोच्च राजा हैं. [QE]
4. [QS]पृथ्वी की गहराइयों पर उनका नियंत्रण है, [QE][QS2]पर्वत शिखर भी उनके अधिकार में हैं. [QE]
5. [QS]समुद्र उन्हीं का है, क्योंकि यह उन्हीं की रचना है, [QE][QS2]सूखी भूमि भी उन्हीं की हस्तकृति है. [QE][PBR]
6. [QS]आओ, हम नतमस्तक होकर आराधना करें, [QE][QS2]हम याहवेह, हमारे सृजनहार के सामने घुटने टेकें! [QE]
7. [QS]क्योंकि वह हमारे परमेश्वर हैं [QE][QS2]और हम उनके चराई की प्रजा हैं, [QE][QS2]उनकी अपनी संरक्षित[* मूल भाषा में हाथ की ] भेड़ें. [QE][PBR] [QS]यदि आज तुम उनका स्वर सुनते हो, [QE]
8. [QS]“अपने हृदय कठोर न कर लेना. जैसे तुमने मेरिबाह[† अर्थ: झगड़ा, निर्ग 17:7 देखें ] में किया था, [QE][QS2]जैसे तुमने उस समय बंजर भूमि में मस्साह [‡ अर्थ: परीक्षा, निर्ग 17:7 देखें ] नामक स्थान पर किया था, [QE]
9. [QS]जहां तुम्हारे पूर्वजों ने मुझे परखा और मेरे धैर्य की परीक्षा ली थी; [QE][QS2]जबकि वे उस सबके गवाह थे, जो मैंने उनके सामने किया था. [QE]
10. [QS]उस पीढ़ी से मैं चालीस वर्ष उदास रहा; [QE][QS2]मैंने कहा, ‘ये ऐसे लोग हैं जिनके हृदय फिसलते जाते हैं, [QE][QS2]वे मेरे मार्ग समझ ही न सके हैं.’ [QE]
11. [QS]तब अपने क्रोध में मैंने शपथ ली, [QE][QS2]‘मेरे विश्राम में उनका प्रवेश कभी न होगा.’ ” [QE]
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 95 / 150
1 चलो, हम याहवेह के स्तवन में आनंदपूर्वक गाएं; अपने उद्धार की चट्टान के लिए उच्च स्वर में मनोहारी संगीत प्रस्तुत करें. 2 हम धन्यवाद के भाव में उनकी उपस्थिति में आएं स्तवन गीतों में हम मनोहारी संगीत प्रस्तुत करें. 3 इसलिये कि याहवेह महान परमेश्वर हैं, समस्त देवताओं के ऊपर सर्वोच्च राजा हैं. 4 पृथ्वी की गहराइयों पर उनका नियंत्रण है, पर्वत शिखर भी उनके अधिकार में हैं. 5 समुद्र उन्हीं का है, क्योंकि यह उन्हीं की रचना है, सूखी भूमि भी उन्हीं की हस्तकृति है. 6 आओ, हम नतमस्तक होकर आराधना करें, हम याहवेह, हमारे सृजनहार के सामने घुटने टेकें! 7 क्योंकि वह हमारे परमेश्वर हैं और हम उनके चराई की प्रजा हैं, उनकी अपनी संरक्षित* मूल भाषा में हाथ की भेड़ें. यदि आज तुम उनका स्वर सुनते हो, 8 “अपने हृदय कठोर न कर लेना. जैसे तुमने मेरिबाह अर्थ: झगड़ा, निर्ग 17:7 देखें में किया था, जैसे तुमने उस समय बंजर भूमि में मस्साह अर्थ: परीक्षा, निर्ग 17:7 देखें नामक स्थान पर किया था, 9 जहां तुम्हारे पूर्वजों ने मुझे परखा और मेरे धैर्य की परीक्षा ली थी; जबकि वे उस सबके गवाह थे, जो मैंने उनके सामने किया था. 10 उस पीढ़ी से मैं चालीस वर्ष उदास रहा; मैंने कहा, ‘ये ऐसे लोग हैं जिनके हृदय फिसलते जाते हैं, वे मेरे मार्ग समझ ही न सके हैं.’ 11 तब अपने क्रोध में मैंने शपथ ली, ‘मेरे विश्राम में उनका प्रवेश कभी न होगा.’ ”
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 95 / 150
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