पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
श्रेष्ठगीत
1. {नायिका } [QS]मैं शारोन का गुलाब हूं, [QE][QS2]घाटियों की कुमुदिनी. [QE]
2. {नायक } [QS]कन्याओं के बीच [QE][QS2]मेरी प्रिया कांटों के बीच कुमुदिनी के समान है. [QE]
3. {नायिका } [QS]मेरा प्रियतम जवानों के बीच वैसा ही लगता है, [QE][QS2]जैसा जंगली पेड़ों के बीच एक सेब का पेड़. [QE][QS]उसकी छाया में मेरा बैठना सुखद अनुभव था, [QE][QS2]मीठा था उसके फल का स्वाद. [QE]
4. [QS]वह मुझे अपने महाभोज के कमरे में ले आया, [QE][QS2]तथा प्रेम ही मुझ पर उसका झंडा है. [QE]
5. [QS]अंगूर की टिकियों से मुझमें बल भर दो, [QE][QS2]सेब खिलाकर मुझमें नई ताज़गी भर दो, [QE][QS2]क्योंकि मुझे प्रेम रोग हो गया है. [QE]
6. [QS]उसका बायां हाथ मेरे सिर के नीचे हो, [QE][QS2]तथा दाएं हाथ से वह मेरा आलिंगन करे. [QE]
7. [QS]येरूशलेम की कन्याओ, [QE][QS2]तुम्हें मैदान के हिरणों तथा हिरणियों की शपथ, मुझको वचन दो, [QE][QS]जब तक सही समय न आए, [QE][QS2]मेरे प्रेम को न जगाना. [QE][PBR]
8. [QS]सुनो-सुनो! [QE][QS2]मेरा प्रियतम आ रहा है, [QE][QS]पर्वतों को पार कर, [QE][QS2]पहाड़ियों पर उछलते हुए. [QE]
9. [QS]मेरा प्रियतम एक चिंकारे अथवा एक हिरण के समान है. [QE][QS2]वह देखो, वह हमारी दीवार के पीछे ही खड़ा है, [QE][QS]वह खिड़कियों में से देख रहा है, [QE][QS2]वह जाली में से झांक रहा है. [QE]
10. [QS]इसके उत्तर में मेरे प्रियतम ने मुझसे कहा, [QE][QS2]“उठो, मेरी प्रियतमा, [QE][QS2]मेरी सुंदरी, मेरे साथ चलो. [QE]
11. [QS]क्योंकि देख लो! जाड़ा जा रहा है; [QE][QS2]वर्षा ऋतु भी हो चुकी है. [QE]
12. [QS]देश में फूल खिल चुके हैं; [QE][QS2]गुनगुनाने का समय आ चुका है, [QE][QS]हमारे देश में कबूतरों का [QE][QS2]गीत सुनाई देने लगा है. [QE]
13. [QS]अंजीर के पेड़ में अंजीर पक चुके हैं; [QE][QS2]लताओं पर खिले फूल सुगंध फैला रहे हैं. [QE][QS]उठो, मेरी प्रियतमा; [QE][QS2]मेरी सुंदरी, मेरे साथ चलो.” [QE]
14. {नायक } [QS]चट्टान की दरारों में, [QE][QS2]चढ़ाई के रास्ते के गुप्‍त स्थानों में बैठी मेरी कबूतरी, [QE][QS]मैं तुम्हारा मुख देखना चाहता हूं, [QE][QS2]मैं तुम्हारी आवाज सुनना चाहता हूं; [QE][QS]क्योंकि मीठी है तुम्हारी आवाज, [QE][QS2]सुंदर है तुम्हारा मुखमंडल. [QE]
15. [QS]हमारे लिए उन लोमड़ियों को पकड़ लो, [QE][QS2]उन छोटी लोमड़ियों को, [QE][QS]जो हमारे अंगूर के बगीचों को नष्ट कर रही हैं, [QE][QS2]जब हमारे अंगूर के बगीचों में फूल खिल रहे हैं. [QE]
16. {नायिका } [QS]मेरा प्रियतम सिर्फ मेरा ही है और मैं उसकी; [QE][QS2]वह अपनी भेड़-बकरियों को सोसन के फूलों के बीच में चरा रहा है. [QE]
17. [QS]शाम के आने तक [QE][QS2]जब छाया मिटने लगती है, [QE][QS]मेरे प्रिय, बतेर पहाड़ों पर [QE][QS2]के हिरण के समान, [QE][QS]हां, हिरण के बच्‍चे [QE][QS2]के समान लौट आओ. [QE][PBR]
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नायिका 1 मैं शारोन का गुलाब हूं, घाटियों की कुमुदिनी. नायक 2 कन्याओं के बीच मेरी प्रिया कांटों के बीच कुमुदिनी के समान है. नायिका 3 मेरा प्रियतम जवानों के बीच वैसा ही लगता है, जैसा जंगली पेड़ों के बीच एक सेब का पेड़. उसकी छाया में मेरा बैठना सुखद अनुभव था, मीठा था उसके फल का स्वाद. 4 वह मुझे अपने महाभोज के कमरे में ले आया, तथा प्रेम ही मुझ पर उसका झंडा है. 5 अंगूर की टिकियों से मुझमें बल भर दो, सेब खिलाकर मुझमें नई ताज़गी भर दो, क्योंकि मुझे प्रेम रोग हो गया है. 6 उसका बायां हाथ मेरे सिर के नीचे हो, तथा दाएं हाथ से वह मेरा आलिंगन करे. 7 येरूशलेम की कन्याओ, तुम्हें मैदान के हिरणों तथा हिरणियों की शपथ, मुझको वचन दो, जब तक सही समय न आए, मेरे प्रेम को न जगाना. 8 सुनो-सुनो! मेरा प्रियतम आ रहा है, पर्वतों को पार कर, पहाड़ियों पर उछलते हुए. 9 मेरा प्रियतम एक चिंकारे अथवा एक हिरण के समान है. वह देखो, वह हमारी दीवार के पीछे ही खड़ा है, वह खिड़कियों में से देख रहा है, वह जाली में से झांक रहा है. 10 इसके उत्तर में मेरे प्रियतम ने मुझसे कहा, “उठो, मेरी प्रियतमा, मेरी सुंदरी, मेरे साथ चलो. 11 क्योंकि देख लो! जाड़ा जा रहा है; वर्षा ऋतु भी हो चुकी है. 12 देश में फूल खिल चुके हैं; गुनगुनाने का समय आ चुका है, हमारे देश में कबूतरों का गीत सुनाई देने लगा है. 13 अंजीर के पेड़ में अंजीर पक चुके हैं; लताओं पर खिले फूल सुगंध फैला रहे हैं. उठो, मेरी प्रियतमा; मेरी सुंदरी, मेरे साथ चलो.” नायक 14 चट्टान की दरारों में, चढ़ाई के रास्ते के गुप्‍त स्थानों में बैठी मेरी कबूतरी, मैं तुम्हारा मुख देखना चाहता हूं, मैं तुम्हारी आवाज सुनना चाहता हूं; क्योंकि मीठी है तुम्हारी आवाज, सुंदर है तुम्हारा मुखमंडल. 15 हमारे लिए उन लोमड़ियों को पकड़ लो, उन छोटी लोमड़ियों को, जो हमारे अंगूर के बगीचों को नष्ट कर रही हैं, जब हमारे अंगूर के बगीचों में फूल खिल रहे हैं. नायिका 16 मेरा प्रियतम सिर्फ मेरा ही है और मैं उसकी; वह अपनी भेड़-बकरियों को सोसन के फूलों के बीच में चरा रहा है. 17 शाम के आने तक जब छाया मिटने लगती है, मेरे प्रिय, बतेर पहाड़ों पर के हिरण के समान, हां, हिरण के बच्‍चे के समान लौट आओ.
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