पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
2 इतिहास
1. जब रहूबियाम यरूशलेम को आया, तब उस ने यहूदा और बिन्यामीन के घराने को जो मिलकर एक लाख अस्सी हजार अच्छे योठ्ठा थे इकट्ठा किया, कि इस्राएल के साथ युठ्ठ करें जिस से राज्य रहूबियाम के वश में फिर आ जाए।
2. तब यहोवा का यह वचन परमेश्वर के भक्त शमायाह के पास पहुंचा,
3. कि यहूदा के राजा सुलैमान के पुत्रा रहूबियाम से और यहूदा और बिन्यामीन के सब इस्राएलियों से कह,
4. यहोवा यों कहता है, कि अपने भाइयों पर चढ़ाई करके युठ्ठ न करो। तुम अपने अपने घर लौट जाओ, क्योंकि यह बात मेरी ही ओर से हुई है। यहोवा के ये वचन मानकर, वे यारोबाम पर बिना चढ़ाई किए लौट गए।
5. सो रहूबियाम यरूशलेम में रहने लगा, और यहूदा में बचाव के लिये ये नगर दृढ़ किए,
6. अर्थात् बेतलेहेम, एताम, तकोआ,
7. बेत्सूर, सोको, अदुल्लाम।
8. गत, मारेशा, जीप।
9. अदोरैम, लाकीश, अजेका।
10. सोरा, अरयालोत और हेब्रोन जो यहूदा और बिन्यामीन में हैं, दृढ़ किया।
11. और उस ने दृढ़ नगरों को और भी दृढ़ करके उन में प्रधान ठहराए, और भोजन वस्तु और तेल और दाखमधु के भणडार रखवा दिए।
12. फिर एक एक नगर में उस ने ढालें और भाले रखवाकर उनको अत्यन्त दृढ़ कर दिया। यहूदा और बिन्यामीन तो उसके थे।
13. और सारे इस्राएल के याजक और लेवीय भी अपने सब देश से उठकर उसके पास गए।
14. यों लेवीय अपनी चराइयों और निज भूमि छोड़कर, यहूदा और यरूशलेम में आए, क्योंकि यारोबाम और उसके पुत्रों ने उनको निकाल दिया था कि वे यहोवा के लिये याजक का काम न करें।
15. और उस ने ऊंचे स्थानों और बकरों और अपने बनाए हुए बछड़ों के लिये, अपनी ओर से याजक ठहरा लिए।
16. और लेवियों के बाद इस्राएल के सब गोत्रों में से जितने मन लगाकर इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के खोजी थे वे अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा को बलि चढ़ाने के लिये यरूशलेम को आए।
17. और उन्हों ने यहूदा का राज्य स्थिर किया और सुलैमान के पुत्रा रहूबियाम को तीन वर्ष तक दृढ़ कराया, क्योंकि तीन वर्ष तक वे दाऊद और सुलैमान की लीक पर चलते रहे।
18. और रहूबियाम ने एक स्त्री को ब्याह लिया, अर्थात् महलत को जिसका पिता दाऊद का पुत्रा यरीमोत और माता यिशै के पुत्रा एलीआब की बेटी अबीहैल थी।
19.
20. और उस से यूश, शमर्याह और जाहम नाम पुत्रा उत्पन्न हुए।
21. और उसके बाद उस ने अबशलोम की बेटी माका को ब्याह लिया, और उस से अबिरयाह, अत्ते, जीजा और शलोमीत उत्पन्न हुए।
22. रहूबियाम ने अठारह रानियां ब्याह लीं और साठ रखेलियां रखीं, और उसके अठाईस बेटे और साठ बेटियां उत्पन्न हुई। अबशलोम की नतिनी माका से वह अपनी सब रानियों और रखेलियों से अधिक प्रेम रखता था;
23. सो रहूबियाम ने माका के बेटे अबिरयाह को मुख्य और सब भाइयों में प्रधान इस मनसा से ठहरा दिया, कि उसे राजा बनाए।
24. और वह समझ बूझकर काम करता था, और उस ने अपने सब पुत्रों को अलग अलग करके यहूदा और बिन्यामीन के सब दाशों के सब गढ़वाले नगरों में ठहरा दिया; और उन्हें भोजन वस्तु बहुतायत से दी, और उनके लिये बहुत सी स्त्रियां ढूंढ़ी।

Notes

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2 इतिहास 11
1. जब रहूबियाम यरूशलेम को आया, तब उस ने यहूदा और बिन्यामीन के घराने को जो मिलकर एक लाख अस्सी हजार अच्छे योठ्ठा थे इकट्ठा किया, कि इस्राएल के साथ युठ्ठ करें जिस से राज्य रहूबियाम के वश में फिर जाए।
2. तब यहोवा का यह वचन परमेश्वर के भक्त शमायाह के पास पहुंचा,
3. कि यहूदा के राजा सुलैमान के पुत्रा रहूबियाम से और यहूदा और बिन्यामीन के सब इस्राएलियों से कह,
4. यहोवा यों कहता है, कि अपने भाइयों पर चढ़ाई करके युठ्ठ करो। तुम अपने अपने घर लौट जाओ, क्योंकि यह बात मेरी ही ओर से हुई है। यहोवा के ये वचन मानकर, वे यारोबाम पर बिना चढ़ाई किए लौट गए।
5. सो रहूबियाम यरूशलेम में रहने लगा, और यहूदा में बचाव के लिये ये नगर दृढ़ किए,
6. अर्थात् बेतलेहेम, एताम, तकोआ,
7. बेत्सूर, सोको, अदुल्लाम।
8. गत, मारेशा, जीप।
9. अदोरैम, लाकीश, अजेका।
10. सोरा, अरयालोत और हेब्रोन जो यहूदा और बिन्यामीन में हैं, दृढ़ किया।
11. और उस ने दृढ़ नगरों को और भी दृढ़ करके उन में प्रधान ठहराए, और भोजन वस्तु और तेल और दाखमधु के भणडार रखवा दिए।
12. फिर एक एक नगर में उस ने ढालें और भाले रखवाकर उनको अत्यन्त दृढ़ कर दिया। यहूदा और बिन्यामीन तो उसके थे।
13. और सारे इस्राएल के याजक और लेवीय भी अपने सब देश से उठकर उसके पास गए।
14. यों लेवीय अपनी चराइयों और निज भूमि छोड़कर, यहूदा और यरूशलेम में आए, क्योंकि यारोबाम और उसके पुत्रों ने उनको निकाल दिया था कि वे यहोवा के लिये याजक का काम करें।
15. और उस ने ऊंचे स्थानों और बकरों और अपने बनाए हुए बछड़ों के लिये, अपनी ओर से याजक ठहरा लिए।
16. और लेवियों के बाद इस्राएल के सब गोत्रों में से जितने मन लगाकर इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के खोजी थे वे अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा को बलि चढ़ाने के लिये यरूशलेम को आए।
17. और उन्हों ने यहूदा का राज्य स्थिर किया और सुलैमान के पुत्रा रहूबियाम को तीन वर्ष तक दृढ़ कराया, क्योंकि तीन वर्ष तक वे दाऊद और सुलैमान की लीक पर चलते रहे।
18. और रहूबियाम ने एक स्त्री को ब्याह लिया, अर्थात् महलत को जिसका पिता दाऊद का पुत्रा यरीमोत और माता यिशै के पुत्रा एलीआब की बेटी अबीहैल थी।
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20. और उस से यूश, शमर्याह और जाहम नाम पुत्रा उत्पन्न हुए।
21. और उसके बाद उस ने अबशलोम की बेटी माका को ब्याह लिया, और उस से अबिरयाह, अत्ते, जीजा और शलोमीत उत्पन्न हुए।
22. रहूबियाम ने अठारह रानियां ब्याह लीं और साठ रखेलियां रखीं, और उसके अठाईस बेटे और साठ बेटियां उत्पन्न हुई। अबशलोम की नतिनी माका से वह अपनी सब रानियों और रखेलियों से अधिक प्रेम रखता था;
23. सो रहूबियाम ने माका के बेटे अबिरयाह को मुख्य और सब भाइयों में प्रधान इस मनसा से ठहरा दिया, कि उसे राजा बनाए।
24. और वह समझ बूझकर काम करता था, और उस ने अपने सब पुत्रों को अलग अलग करके यहूदा और बिन्यामीन के सब दाशों के सब गढ़वाले नगरों में ठहरा दिया; और उन्हें भोजन वस्तु बहुतायत से दी, और उनके लिये बहुत सी स्त्रियां ढूंढ़ी।
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