पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
गिनती
1. मूसा ने तो एक कूशी स्त्री के साथ ब्याह कर लिया था। सो मरियम और हारून उसकी उस ब्याहिता कूशी स्त्री के कारण उसकी निन्दा करने लगे;
2. उन्हों ने कहा, क्या यहोवा ने केवल मूसा ही के साथ बातें की हैं? क्या उस ने हम से भी बातें नहीं कीं? उनकी यह बात यहोवा ने सुनी।
3. मूसा तो पृथ्वी भर के रहने वाले मनुष्यों से बहुत अधिक नम्र स्वभाव का था।
4. सो यहोवा ने एकाएक मूसा और हारून और मरियम से कहा, तुम तीनों मिलापवाले तम्बू के पास निकल आओ। तब वे तीनों निकल आए।
5. तब यहोवा ने बादल के खम्भे में उतरकर तम्बू के द्वार पर खड़ा होकर हारून और मरियम को बुलाया; सो वे दोनों उसके पास निकल आए।
6. तब यहोवा ने कहा, मेरी बातें सुनो: यदि तुम में कोई नबी हो, तो उस पर मैं यहोवा दर्शन के द्वारा अपने आप को प्रगट करूंगा, वा स्वप्न में उस से बातें करूंगा।
7. परन्तु मेरा दास मूसा ऐसा नहीं है; वह तो मेरे सब घरानों मे विश्वास योग्य है।
8. उस से मैं गुप्त रीति से नहीं, परन्तु आम्हने साम्हने और प्रत्यक्ष होकर बातें करता हूं; और वह यहोवा का स्वरूप निहारने पाता है। सो तुम मेरे दास मूसा की निन्दा करते हुए क्यों नहीं डरे?
9. तब यहोवा का कोप उन पर भड़का, और वह चला गया;
10. तब वह बादल तम्बू के ऊपर से उठ गया, और मरियम कोढ़ से हिम के समान श्वेत हो गई। और हारून ने मरियम की ओर दृष्टि की, और देखा, कि वह कोढ़िन हो गई है।
11. तब हारून मूसा से कहने लगा, हे मेरे प्रभु, हम दोनों ने जो मूर्खता की वरन पाप भी किया, यह पाप हम पर न लगने दे।
12. और मरियम को उस मरे हुए के समान न रहने दे, जिसकी देह अपनी मां के पेट से निकलते ही अधगली हो।
13. सो मूसा ने यह कहकर यहोवा की दोहाई दी, हे ईश्वर, कृपा कर, और उसको चंगा कर।
14. यहोवा ने मूसा से कहा, यदि उसका पिता उसके मुंह पर थूका ही होता, तो क्या सात दिन तक वह लज्जित न रहती? सो वह सात दिन तक छावनी से बाहर बन्द रहे, उसके बाद वह फिर भीतर आने पाए।
15. सो मरियम सात दिन तक छावनी से बाहर बन्द रही, और जब तक मरियम फिर आने न पाई तब तक लोगों ने प्रस्थान न किया।
16. उसके बाद उन्हों ने हसेरोत से प्रस्थान करके पारान नाम जंगल में अपने डेरे खड़े किए।।

Notes

No Verse Added

Total 36 Chapters, Current Chapter 12 of Total Chapters 36
गिनती 12:43
1. मूसा ने तो एक कूशी स्त्री के साथ ब्याह कर लिया था। सो मरियम और हारून उसकी उस ब्याहिता कूशी स्त्री के कारण उसकी निन्दा करने लगे;
2. उन्हों ने कहा, क्या यहोवा ने केवल मूसा ही के साथ बातें की हैं? क्या उस ने हम से भी बातें नहीं कीं? उनकी यह बात यहोवा ने सुनी।
3. मूसा तो पृथ्वी भर के रहने वाले मनुष्यों से बहुत अधिक नम्र स्वभाव का था।
4. सो यहोवा ने एकाएक मूसा और हारून और मरियम से कहा, तुम तीनों मिलापवाले तम्बू के पास निकल आओ। तब वे तीनों निकल आए।
5. तब यहोवा ने बादल के खम्भे में उतरकर तम्बू के द्वार पर खड़ा होकर हारून और मरियम को बुलाया; सो वे दोनों उसके पास निकल आए।
6. तब यहोवा ने कहा, मेरी बातें सुनो: यदि तुम में कोई नबी हो, तो उस पर मैं यहोवा दर्शन के द्वारा अपने आप को प्रगट करूंगा, वा स्वप्न में उस से बातें करूंगा।
7. परन्तु मेरा दास मूसा ऐसा नहीं है; वह तो मेरे सब घरानों मे विश्वास योग्य है।
8. उस से मैं गुप्त रीति से नहीं, परन्तु आम्हने साम्हने और प्रत्यक्ष होकर बातें करता हूं; और वह यहोवा का स्वरूप निहारने पाता है। सो तुम मेरे दास मूसा की निन्दा करते हुए क्यों नहीं डरे?
9. तब यहोवा का कोप उन पर भड़का, और वह चला गया;
10. तब वह बादल तम्बू के ऊपर से उठ गया, और मरियम कोढ़ से हिम के समान श्वेत हो गई। और हारून ने मरियम की ओर दृष्टि की, और देखा, कि वह कोढ़िन हो गई है।
11. तब हारून मूसा से कहने लगा, हे मेरे प्रभु, हम दोनों ने जो मूर्खता की वरन पाप भी किया, यह पाप हम पर लगने दे।
12. और मरियम को उस मरे हुए के समान रहने दे, जिसकी देह अपनी मां के पेट से निकलते ही अधगली हो।
13. सो मूसा ने यह कहकर यहोवा की दोहाई दी, हे ईश्वर, कृपा कर, और उसको चंगा कर।
14. यहोवा ने मूसा से कहा, यदि उसका पिता उसके मुंह पर थूका ही होता, तो क्या सात दिन तक वह लज्जित रहती? सो वह सात दिन तक छावनी से बाहर बन्द रहे, उसके बाद वह फिर भीतर आने पाए।
15. सो मरियम सात दिन तक छावनी से बाहर बन्द रही, और जब तक मरियम फिर आने पाई तब तक लोगों ने प्रस्थान किया।
16. उसके बाद उन्हों ने हसेरोत से प्रस्थान करके पारान नाम जंगल में अपने डेरे खड़े किए।।
Total 36 Chapters, Current Chapter 12 of Total Chapters 36
×

Alert

×

hindi Letters Keypad References