HOV
17. तुम जानते तो हो, कि बाद को जब उस ने आशीष पानी चाही, तो अयोग्य गिना गया, और आंसू बहा बहाकर खोजने पर भी मन फिराव का अवसर उसे न मिला॥
ERVHI
17. जैसा कि तुम जानते ही हो बाद में जब उसने इस वरदान को प्राप्त करना चाहा तो उसे अयोग्य ठहराया गया। यद्यपि उसने रो-रो कर वरदान पाना चाहा किन्तु वह अपने किये का पश्चाताप नहीं कर पाया।
IRVHI
17. तुम जानते तो हो, कि बाद में जब उसने आशीष पानी चाही, तो अयोग्य गिना गया, और आँसू बहा बहाकर खोजने पर भी मन फिराव का अवसर उसे न मिला।
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