HOV
11. हे यहोवा, उसकी सम्पत्ति पर आशीष दे, और उसके हाथों की सेवा को ग्रहण कर; उसके विरोधियों और बैरियों की कमर पर ऐसा मार, कि वे फिर न उठ सकें॥
ERVHI
11. “यहोवा, लेवीवंशियों का जो कुछ हो, आशीर्वाद दे उसे, जो कुछ करे वह स्वीकार करे उसको। नष्ट केर उसको जो आक्रमण करे उन पर।”
IRVHI
11. हे यहोवा, उसकी सम्पत्ति पर आशीष दे, और उसके हाथों की सेवा को ग्रहण कर; उसके विरोधियों और बैरियों की कमर पर ऐसा मार, कि वे फिर न उठ सके।”
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