HOV
18. दुष्ट जन धर्मी की छुडौती ठहरता है, और विश्वासघाती सीधे लोगों की सन्ती दण्ड भोगते हैं।
ERVHI
18. दुर्जन को उन सभी बुरी बातों का फल भुगतना ही पड़ेगा, जो सज्जन के विरुद्ध करते हैं। बेईमान लोगों को उनके किये का फल भुगतना पड़ेगा जो इमानदार लोगों के विरुद्ध करते है।
IRVHI
18. दुष्ट जन धर्मी की छुड़ौती ठहरता है, और विश्वासघाती सीधे लोगों के बदले दण्ड भोगते हैं।
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