पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
प्रकाशित वाक्य
HOV
12. हमारे परमेश्वर की स्तुति, ओर महिमा, और ज्ञान, और धन्यवाद, और आदर, और सामर्थ, और शक्ति युगानुयुग बनी रहें। आमीन।

ERVHI
12. उन्होंने कहा, “आमीन! हमारे परमेश्वर की स्तुति, महिमा, विवेक, धन्यवाद, समादर, शक्ति और बल सदा-सर्वदा होते रहें। आमीन!” [*आमीन जब कोई व्यक्ति आमीन कहता है तो इसका अर्थ होता है कि वह पूरी तरह उसके साथ सहमत है।]

IRVHI
12. “आमीन*, हमारे परमेश्‍वर की स्तुति, महिमा, ज्ञान, धन्यवाद, आदर, सामर्थ्य, और शक्ति युगानुयुग बनी रहें। आमीन।”



KJV

AMP

KJVP

YLT

ASV

WEB

NASB

ESV

RV

RSV

NKJV

MKJV

AKJV

NRSV

NIV

NIRV

NLT

MSG

GNB

NET

ERVEN



Notes

No Verse Added

Total 17 Verses, Current Verse 12 of Total Verses 17
1 2 3
4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17
  • हमारे परमेश्वर की स्तुति, ओर महिमा, और ज्ञान, और धन्यवाद, और आदर, और सामर्थ, और शक्ति युगानुयुग बनी रहें। आमीन।
  • ERVHI

    उन्होंने कहा, “आमीन! हमारे परमेश्वर की स्तुति, महिमा, विवेक, धन्यवाद, समादर, शक्ति और बल सदा-सर्वदा होते रहें। आमीन!” *आमीन जब कोई व्यक्ति आमीन कहता है तो इसका अर्थ होता है कि वह पूरी तरह उसके साथ सहमत है।
  • IRVHI

    “आमीन*, हमारे परमेश्‍वर की स्तुति, महिमा, ज्ञान, धन्यवाद, आदर, सामर्थ्य, और शक्ति युगानुयुग बनी रहें। आमीन।”
Total 17 Verses, Current Verse 12 of Total Verses 17
1 2 3
4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17
×

Alert

×

hindi Letters Keypad References