HOV
32. मैं धमिर्यों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूं।
ERVHI
32. (मत्ती 9:14-17; मरकुस 2:18-22) उन्होंने यीशु से कहा, “यूहन्ना के शिष्य प्राय: उपवास रखते हैं और प्रार्थना करते हैं। और ऐसा ही फरीसियों के अनुयायी भी करते हैं किन्तु तेरे अनुयायी तो हर समय खाते पीते रहते हैं।”
IRVHI
32. मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूँ।”
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