पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
रोमियो
HOV
2. और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो॥

ERVHI
2. अब और आगे इस दुनिया की रीति पर मत चलो बल्कि अपने मनों को नया करके अपने आप को बदल डालो ताकि तुम्हें पता चल जाये कि परमेश्वर तुम्हारे लिए क्या चाहता है। यानी जो उत्तम है, जो उसे भाता है और जो सम्पूर्ण है।

IRVHI
2. और इस संसार के सदृश न बनो*; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिससे तुम परमेश्‍वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। आत्मिक वरदानों से परमेश्‍वर की सेवा



KJV

AMP

KJVP

YLT

ASV

WEB

NASB

ESV

RV

RSV

NKJV

MKJV

AKJV

NRSV

NIV

NIRV

NLT

MSG

GNB

NET

ERVEN



Notes

No Verse Added

Total 21 Verses, Current Verse 2 of Total Verses 21
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10
  • और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो॥
  • ERVHI

    अब और आगे इस दुनिया की रीति पर मत चलो बल्कि अपने मनों को नया करके अपने आप को बदल डालो ताकि तुम्हें पता चल जाये कि परमेश्वर तुम्हारे लिए क्या चाहता है। यानी जो उत्तम है, जो उसे भाता है और जो सम्पूर्ण है।
  • IRVHI

    और इस संसार के सदृश न बनो*; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिससे तुम परमेश्‍वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। आत्मिक वरदानों से परमेश्‍वर की सेवा
Total 21 Verses, Current Verse 2 of Total Verses 21
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10
×

Alert

×

hindi Letters Keypad References