HOV
23. निर्धन गिड़गिड़ा कर बोलता है, परन्तु धनी कड़ा उत्तर देता है।
ERVHI
23. गरीब जन तो दया की मांग करता है, किन्तु धनी जन तो कठोर उत्तर देता है।
IRVHI
23. निर्धन गिड़गिड़ाकर बोलता है, परन्तु धनी कड़ा उत्तर देता है।
KJV
AMP
KJVP
YLT
ASV
WEB
NASB
ESV
RV
RSV
NKJV
MKJV
AKJV
NRSV
NIV
NIRV
NLT
MSG
GNB
NET
ERVEN