ERVHI
16. वे सैनिक बार—बार ठोकर खायेंगे, वे एक दूसरे पर गिरेंगे। वे कहेंगे, ‘उठो, हम फिर अपने लोगों में चलें, हम अपने देश चलें। हमारा शत्रु हमें पराजित कर रहा है। हमें अवश्य भाग निकलना चाहिये।’
HOV
16. उसने बहुतों को ठोकर खिलाई, वे एक दूसरे पर गिर पड़े; और वे कहने लगे, उठो, चलो, हम अन्धेर करने वाले की तलवार के डर के मारे अपने अपने लोगों ओर अपनी अपनी जन्मभूमि में फिर लौट जाएं।
IRVHI
16. उसने बहुतों को ठोकर खिलाई, वे एक दूसरे पर गिर पड़े; और वे कहने लगे, 'उठो, चलो, हम अंधेर करनेवाले की तलवार के डर के मारे अपने-अपने लोगों और अपनी-अपनी जन्म-भूमि में फिर लौट जाएँ।'
KJV
AMP
KJVP
YLT
ASV
WEB
NASB
ESV
RV
RSV
NKJV
MKJV
AKJV
NRSV
NIV
NIRV
NLT
MSG
GNB
NET
ERVEN