ERVHI
21. अपने हृदय पर उनको सदैव बाँध रह और उन्हें अपने गले का हार बना ले।
HOV
21. इन को अपने हृदय में सदा गांठ बान्धे रख; और अपने गले का हार बना ले।
IRVHI
21. उनको अपने हृदय में सदा गाँठ बाँधे रख; और अपने गले का हार बना ले।
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