HOV
26. नहीं तो जगत की उत्पत्ति से लेकर उस को बार बार दुख उठाना पड़ता; पर अब युग के अन्त में वह एक बार प्रगट हुआ है, ताकि अपने ही बलिदान के द्वारा पाप को दूर कर दे।
ERVHI
26. नहीं तो फिर मसीह को सृष्टि के आदि से ही अनेक बार यातनाएँ झेलनी पड़तीं। किन्तु अब देखो, इतिहास के चरम बिन्दु पर अपने बलिदान के द्वारा पापों का अंत करने के लिए वह सदा सदा के लिए एक ही बार प्रकट हो गया है।
IRVHI
26. नहीं तो जगत की उत्पत्ति से लेकर उसको बार-बार दुःख उठाना पड़ता; पर अब युग के अन्त में वह एक बार प्रगट हुआ है, ताकि अपने ही बलिदान के द्वारा पाप को दूर कर दे।
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