HOV
27. जो संभल कर बोलता है, वही ज्ञानी ठहरता है; और जिसकी आत्मा शान्त रहती है, वही समझ वाला पुरूष ठहरता है।
ERVHI
27. ज्ञानी जन शब्दों को तोल कर बोलता है, समझ—बूझ वाला जन स्थित प्रज्ञ होता है।
IRVHI
27. जो संभलकर बोलता है, वह ज्ञानी ठहरता है; और जिसकी आत्मा शान्त रहती है, वही समझवाला पुरुष ठहरता है।
KJV
AMP
KJVP
YLT
ASV
WEB
NASB
ESV
RV
RSV
NKJV
MKJV
AKJV
NRSV
NIV
NIRV
NLT
MSG
GNB
NET
ERVEN