HOV
18. जब तक आशा है तो अपने पुत्र को ताड़ना कर, जान बूझ कर उसको मार न डाल।
ERVHI
18. तू अपने पुत्र को अनुशासित कर और उसे दण्ड दे, जब वह अनुचित हो। बस यही आशा है। यदि तू ऐसा करने को मना करे, तब तो तू उसके विनाश में उसका सहायक बनता है।
IRVHI
18. जब तक आशा है तब तक अपने पुत्र की ताड़ना कर, जान-बूझकर उसको मार न डाल।
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