पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
इब्रानियों
HOV
27. और जैसे मनुष्यों के लिये एक बार मरना और उसके बाद न्याय का होना नियुक्त है।

ERVHI
27. जैसे एक बार मरना और उसके बाद न्याय का सामना करना मनुष्य की नियति है।

IRVHI
27. और जैसे मनुष्यों के लिये एक बार मरना और उसके बाद न्याय का होना नियुक्त है। (2 कुरि. 5:10, सभो. 12:14)



KJV

AMP

KJVP

YLT

ASV

WEB

NASB

ESV

RV

RSV

NKJV

MKJV

AKJV

NRSV

NIV

NIRV

NLT

MSG

GNB

NET

ERVEN



Notes

No Verse Added

Total 28 Verses, Current Verse 27 of Total Verses 28
  • और जैसे मनुष्यों के लिये एक बार मरना और उसके बाद न्याय का होना नियुक्त है।
  • ERVHI

    जैसे एक बार मरना और उसके बाद न्याय का सामना करना मनुष्य की नियति है।
  • IRVHI

    और जैसे मनुष्यों के लिये एक बार मरना और उसके बाद न्याय का होना नियुक्त है। (2 कुरि. 5:10, सभो. 12:14)
Total 28 Verses, Current Verse 27 of Total Verses 28
×

Alert

×

hindi Letters Keypad References