HOV
24. जो बैरी बात से तो अपने को भोला बनाता है, परन्तु अपने भीतर छल रखता है,
ERVHI
24. द्वेषपूर्ण व्यक्ति अपने मधुर वाणी में द्वेष को ढकता है। किन्तु अपने हृदय में वह छल को पालता है।
IRVHI
24. जो बैरी बात से तो अपने को भोला बनाता है, परन्तु अपने भीतर छल रखता है,
KJV
AMP
KJVP
YLT
ASV
WEB
NASB
ESV
RV
RSV
NKJV
MKJV
AKJV
NRSV
NIV
NIRV
NLT
MSG
GNB
NET
ERVEN