HOV
37. परन्तु जो मन में दृढ़ रहता है, और उस को प्रयोजन न हो, वरन अपनी इच्छा पूरी करने में अधिकार रखता हो, और अपने मन में यह बात ठान ली हो, कि मैं अपनी कुंवारी लड़की को बिन ब्याही रखूंगा, वह अच्छा करता है।
ERVHI
37. किन्तु जो अपने मन में बहुत पक्का है और जिस पर कोई दबाव भी नहीं है, बल्कि जिसका अपनी इच्छाओं पर भी पूरा बस है और जिसने अपने मन में पूरा निश्चय कर लिया है कि वह अपनी प्रिया से विवाह नहीं करेगा तो वह अच्छा ही कर रहा है।
IRVHI
37. परन्तु यदि वह मन में फैसला करता है, और कोई अत्यावश्यकता नहीं है, और वह अपनी अभिलाषाओं को नियंत्रित कर सकता है, तो वह विवाह न करके अच्छा करता है।
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