HOV
22. उसकी आहट सर्प के भागने की सी होगी; क्योंकि वे वृक्षों के काटने वालों की सेना और कुल्हाडिय़ां लिए हुए उसके विरुद्ध चढ़ आएंगे।
ERVHI
22. मिस्र एक फुंफकारते उस साँप सा है जो बच निकलना चाहता है। शत्रु निकट से निकट आता जा रहा है और मिस्री सेना भागने का प्रयत्न कर रही है। शत्रु मिस्र के विरुद्ध कुल्हाड़ियों के साथ आएगा, वे उन पुरुषों के समान हैं जो पेड़ काटते हैं।”
IRVHI
22. “उसकी आहट सर्प के भागने की सी होगी; क्योंकि वे वृक्षों के काटनेवालों की सेना और कुल्हाड़ियाँ लिए हुए उसके विरुद्ध चढ़ आएँगे।
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