पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
यिर्मयाह
HOV
31. यहोवा की यह वाणी है, उठ कर उस चैन से रहने वाली जाति के लोगों पर चढ़ाई करो, जो निडर रहते हैं, और बिना किवाड़ और बेण्डे के यों ही बसे हुए हैं।

ERVHI
31. “एक राष्ट्र है, जो खुशहाल है। उस राष्ट्र को विश्वास है कि उसे कोई नहीं हरायेगा। उस राष्ट्र के पास सुरक्षा के लिये द्वार और रक्षा प्राचीर नहीं है। वे लोग अकेले रहते हैं।” यहोवा कहता है, “उस राष्ट्र पर आक्रमण करो।”

IRVHI
31. “यहोवा की यह वाणी है, उठकर उस चैन से रहनेवाली जाति के लोगों पर चढ़ाई करो, जो निडर रहते हैं*, और बिना किवाड़ और बेंड़े के यों ही बसे हुए हैं।



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  • यहोवा की यह वाणी है, उठ कर उस चैन से रहने वाली जाति के लोगों पर चढ़ाई करो, जो निडर रहते हैं, और बिना किवाड़ और बेण्डे के यों ही बसे हुए हैं।
  • ERVHI

    “एक राष्ट्र है, जो खुशहाल है। उस राष्ट्र को विश्वास है कि उसे कोई नहीं हरायेगा। उस राष्ट्र के पास सुरक्षा के लिये द्वार और रक्षा प्राचीर नहीं है। वे लोग अकेले रहते हैं।” यहोवा कहता है, “उस राष्ट्र पर आक्रमण करो।”
  • IRVHI

    “यहोवा की यह वाणी है, उठकर उस चैन से रहनेवाली जाति के लोगों पर चढ़ाई करो, जो निडर रहते हैं*, और बिना किवाड़ और बेंड़े के यों ही बसे हुए हैं।
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