HOV
29. तब लेवीय जिसका तेरे संग कोई निज भाग वा अंश न होगा वह, और जो परदेशी, और अनाथ, और विधवांए तेरे फाटकों के भीतर हों, वे भी आकर पेट भर खाएं; जिस से तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे सब कामों में तुझे आशीष दे॥
ERVHI
29. यह भोजन लेवीवंशियों के लिए है, क्योंकि उनके पास अपनी कोई भूमि नहीं है। यह भोजन तुम्हारे नगर में उन लोगों के लिये भी है जिन्हें इसकी आवश्यकता है—विदेशी, अनाथ बच्चे और विधवायें। यदि तुम यह करते हो तो यहोवा तुम्हारा परमेश्वर सभी काम तुम जो कुछ करोगे उसके लिए आशीर्वाद देगा।
IRVHI
29. तब लेवीय जिसका तेरे संग कोई निज भाग या अंश न होगा वह, और जो परदेशी, और अनाथ, और विधवाएँ तेरे फाटकों के भीतर हों, वे भी आकर पेट भर खाएँ; जिससे तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे सब कामों में तुझे आशीष दे।
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