HOV
57. अपनी खेरी, वरन अपने जने हुए बच्चों को क्रूर दृष्टि से देखेगी, क्योंकि घिर जाने और सकेती के समय जिस में तेरे शत्रु तुझे तेरे फाटकों के भीतर घेरकर रखेंगे, वह सब वस्तुओं की घटी के मारे उन्हें छिप के खाएगी।
ERVHI
57. वह अपने ही गर्भ की झिल्ली [*गर्भ की झिल्ली गर्भ की झिल्ली और नाभि जो बच्चे के जन्म के समय बाहर आते हैं।] को खायेगी और उस बच्चे को भी जिसे वह जन्म देगी। वह उन्हें गुप्त रूप से खायेगी। क्यों? क्योंकी वहाँ कोई भी भोजन नहीं बचा है। यह तब होगा जब तुम्हारा शत्रु तुम्हारे नगरों के विरुद्ध आयेगा और बहुत अधिक कष्ट पहुँचायेगा।
IRVHI
57. अपनी खेरी, वरन् अपने जने हुए बच्चों को क्रूर दृष्टि से देखेगी, क्योंकि घिर जाने और उस संकट के समय जिसमें तेरे शत्रु तुझे तेरे फाटकों के भीतर घेरकर रखेंगे, वह सब वस्तुओं की घटी के मारे उन्हें छिप के खाएगी।
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