HOV
17. और ऐसा हुआ कि जब सूर्य अस्त हो गया और घोर अन्धकार छा गया, तब एक अंगेठी जिस में से धुआं उठता था और एक जलता हुआ पलीता देख पड़ा जो उन टुकड़ों के बीच में से हो कर निकल गया।
ERVHI
17. जब सूरज ढ़ल गया, तो बहुत अंधेरा छा गया। मृत जानवर अभी तक जमीन पर पड़े हुए थे। हर जानवर दो भागों में कटे पड़े थे। उसी समय धुएँ तथा आग का एक खम्भा [*धुँए … का खम्भा इन चिन्हों को परमेश्वर दिखाया करता था जिससे लोग जाने कि परमेश्वर उनके साथ है।] मरे जानवरों के तुकड़ों के बीच से गुजरा। [†मरे … गुजरा इससे यह पता चला कि परमेश्वर ने अब्राम और अपने बीच की वाचा पर इस्ताक्षर कर दिया है या अपनी मुहर लगा दी है। जब लोग वाचा करते थे तो कटे जानवरों के बीच से जाते थे और कछ इस तरह कहते थे। यदि मैं वाचा का पालन न करुँ तो मेरे साथ भी ऐसा ही हो।]
IRVHI
17. और ऐसा हुआ कि जब सूर्य अस्त हो गया* और घोर अंधकार छा गया, तब एक अँगीठी जिसमें से धुआँ उठता था और एक जलती हुई मशाल दिखाई दी जो उन टुकड़ों के बीच में से होकर निकल गई।
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