HOV
16. जो मनुष्य बुद्धि के मार्ग से भटक जाए, उसका ठिकाना मरे हुओं के बीच में होगा।
ERVHI
16. जो मनुष्य समझ—बूझ के पथ से भटक जाता है, वह विश्राम करने के लिये मृतकों का साथी बनता है।
IRVHI
16. जो मनुष्य बुद्धि के मार्ग से भटक जाए, उसका ठिकाना मरे हुओं के बीच में होगा।
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