पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
नीतिवचन
HOV
17. जो रागरंग से प्रीति रखता है, वह कंगाल होता है; और जो दाखमधु पीने और तेल लगाने से प्रीति रखता है, वह धनी नहीं होता।

ERVHI
17. जो सुख भोगों से प्रेम करता रहता वह दरिद्र हो जायेगा, और जो मदिरा का प्रेमी है, तेल का कभी धनी नहीं होगा।

IRVHI
17. जो रागरंग से प्रीति रखता है, वह कंगाल हो जाता है; और जो दाखमधु पीने और तेल लगाने से प्रीति रखता है, वह धनी नहीं होता।



KJV

AMP

KJVP

YLT

ASV

WEB

NASB

ESV

RV

RSV

NKJV

MKJV

AKJV

NRSV

NIV

NIRV

NLT

MSG

GNB

NET

ERVEN



Notes

No Verse Added

Total 31 Verses, Current Verse 17 of Total Verses 31
  • जो रागरंग से प्रीति रखता है, वह कंगाल होता है; और जो दाखमधु पीने और तेल लगाने से प्रीति रखता है, वह धनी नहीं होता।
  • ERVHI

    जो सुख भोगों से प्रेम करता रहता वह दरिद्र हो जायेगा, और जो मदिरा का प्रेमी है, तेल का कभी धनी नहीं होगा।
  • IRVHI

    जो रागरंग से प्रीति रखता है, वह कंगाल हो जाता है; और जो दाखमधु पीने और तेल लगाने से प्रीति रखता है, वह धनी नहीं होता।
Total 31 Verses, Current Verse 17 of Total Verses 31
×

Alert

×

hindi Letters Keypad References