IRVHI
15. जिनके चालचलन टेढ़े-मेढ़े और जिनके मार्ग में कुटिलता हैं।
HOV
15. जिनकी चालचलन टेढ़ी मेढ़ी और जिनके मार्ग बिगड़े हुए हैं॥
ERVHI
15. उन लोगों पर विश्वास नहीं कर सकते। वे झूठे हैं और छल करने वाले हैं। किन्तु तेरी बुद्धि और समझ तुझे इन बातों से बचायेगी।
KJV
AMP
KJVP
YLT
ASV
WEB
NASB
ESV
RV
RSV
NKJV
MKJV
AKJV
NRSV
NIV
NIRV
NLT
MSG
GNB
NET
ERVEN