HOV
26. क्योंकि पृथ्वी और उसकी भरपूरी प्रभु की है।
ERVHI
26. क्योंकि शास्त्र कहता है: “यह धरती और इस पर जो कुछ है, सब प्रभु का है।” [✡उद्धरण भजन 24:1; 50:12; 89:11]
IRVHI
26. “क्योंकि पृथ्वी और उसकी भरपूरी प्रभु की है।” (भज. 24:1)
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