HOV
21. तब हम ने सराय में पहुंचकर अपने बोरों को खोला, तो क्या देखा, कि एक एक जन का पूरा पूरा रूपया उसके बोरे के मुंह में रखा है; इसलिये हम उसको अपने साथ फिर लेते आए हैं।
ERVHI
21. (21-22) घर लौटते समय हम लोगों ने अपनी बोरियाँ खोलीं और हर एक बोरी में अपना धन पाया। हम लोग नहीं जानते कि उनमें धन कैसे पहुँचा। किन्तु हम वह धन आपको लौटाने के लिए साथ लाए हैं और इस समय हम लोग जो अन्न खरीदना चाहते हैं उसके लिए अधिक धन लाए हैं।”
IRVHI
21. तब हमने सराय में पहुँचकर अपने बोरों को खोला, तो क्या देखा, कि एक-एक जन का पूरा-पूरा रुपया उसके बोरे के मुँह पर रखा है; इसलिए हम उसको अपने साथ फिर लेते आए हैं।
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