पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
नीतिवचन
HOV
20. धर्मी के वचन तो उत्तम चान्दी हैं; परन्तु दुष्टों का मन बहुत हलका होता है।

ERVHI
20. धर्मी की वाणी विशुद्ध चाँदी है, किन्तु दुष्ट के हृदय का कोई नहीं मोल।

IRVHI
20. धर्मी के वचन तो उत्तम चाँदी हैं; परन्तु दुष्टों का मन मूल्य-रहित होता है।



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  • धर्मी के वचन तो उत्तम चान्दी हैं; परन्तु दुष्टों का मन बहुत हलका होता है।
  • ERVHI

    धर्मी की वाणी विशुद्ध चाँदी है, किन्तु दुष्ट के हृदय का कोई नहीं मोल।
  • IRVHI

    धर्मी के वचन तो उत्तम चाँदी हैं; परन्तु दुष्टों का मन मूल्य-रहित होता है।
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