पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
नीतिवचन
HOV
17. अर्थात घमण्ड से चढ़ी हुई आंखें, झूठ बोलने वाली जीभ, और निर्दोष का लोहू बहाने वाले हाथ,

ERVHI
17. गर्वीली आँखें, झूठ से भरी वाणी, वे हाथ जो अबोध के हत्यारे हैं।

IRVHI
17. अर्थात् घमण्ड से चढ़ी हुई आँखें, झूठ बोलनेवाली जीभ, और निर्दोष का लहू बहानेवाले हाथ,



KJV

AMP

KJVP

YLT

ASV

WEB

NASB

ESV

RV

RSV

NKJV

MKJV

AKJV

NRSV

NIV

NIRV

NLT

MSG

GNB

NET

ERVEN



Notes

No Verse Added

Total 35 Verses, Current Verse 17 of Total Verses 35
  • अर्थात घमण्ड से चढ़ी हुई आंखें, झूठ बोलने वाली जीभ, और निर्दोष का लोहू बहाने वाले हाथ,
  • ERVHI

    गर्वीली आँखें, झूठ से भरी वाणी, वे हाथ जो अबोध के हत्यारे हैं।
  • IRVHI

    अर्थात् घमण्ड से चढ़ी हुई आँखें, झूठ बोलनेवाली जीभ, और निर्दोष का लहू बहानेवाले हाथ,
Total 35 Verses, Current Verse 17 of Total Verses 35
×

Alert

×

hindi Letters Keypad References