HOV
33. परन्तु एक सामरी यात्री वहां आ निकला, और उसे देखकर तरस खाया।
ERVHI
33. “किन्तु एक सामरी भी जाते हुए वहीं आया जहाँ वह पड़ा था। जब उसने उस व्यक्ति को देखा तो उसके लिये उसके मन में करुणा उपजी,
IRVHI
33. परन्तु एक सामरी* यात्री वहाँ आ निकला, और उसे देखकर तरस खाया।
KJV
AMP
KJVP
YLT
ASV
WEB
NASB
ESV
RV
RSV
NKJV
MKJV
AKJV
NRSV
NIV
NIRV
NLT
MSG
GNB
NET
ERVEN