HOV
23. चतुर मनुष्य ज्ञान को प्रगट नहीं करता है, परन्तु मूढ़ अपने मन की मूढ़ता ऊंचे शब्द से प्रचार करता है।
ERVHI
23. ज्ञानी अधिक बोलता नहीं है, चुप रहता है किन्तु मूर्ख अधिक बोल बोलकर अपने अज्ञान को दर्शाता है।
IRVHI
23. विवेकी मनुष्य ज्ञान को प्रगट नहीं करता है, परन्तु मूर्ख अपने मन की मूर्खता ऊँचे शब्द से प्रचार करता है।
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