HOV
19. सिय्योन से शोक का यह गीत सुन पड़ता है, हम कैसे नाश हो गए! हम क्यों लज्जा में पड़ गए हैं, क्योंकि हम को अपना देश छोड़ना पड़ा और हमारे घर गिरा दिए गए हैं।
ERVHI
19. “जोर से रोने की आवाजें सिय्योन से सुनी जा रही हैं। ‘हम सचमुच बरबाद हो गए। हम सचमुच लज्जित हैं। हमें अपने देश को छोड़ देना चाहिये, क्योंकि हमारे घर नष्ट और बरबाद हो गये हैं। हमारे घर अब केवल पत्थरों के ढेर हो गये हैं।’ ”
IRVHI
19. सिय्योन से शोक का यह गीत सुन पड़ता है, 'हम कैसे नाश हो गए! हम क्यों लज्जा में पड़ गए हैं, क्योंकि हमको अपना देश छोड़ना पड़ा और हमारे घर गिरा दिए गए हैं।'”
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