पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
नीतिवचन
HOV
1. मन की युक्ति मनुष्य के वश में रहती है, परन्तु मुंह से कहना यहोवा की ओर से होता है।

ERVHI
1. मनुष्य तो निज योजना को रचता है, किन्तु उन्हें यहोवा ही कार्य रूप देता है।

IRVHI
1. मन की युक्ति मनुष्य के वश में रहती है, परन्तु मुँह से कहना यहोवा की ओर से होता है।



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  • मन की युक्ति मनुष्य के वश में रहती है, परन्तु मुंह से कहना यहोवा की ओर से होता है।
  • ERVHI

    मनुष्य तो निज योजना को रचता है, किन्तु उन्हें यहोवा ही कार्य रूप देता है।
  • IRVHI

    मन की युक्ति मनुष्य के वश में रहती है, परन्तु मुँह से कहना यहोवा की ओर से होता है।
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