HOV
22. क्योंकि मनुष्य का पुत्र तो जैसा उसके लिये ठहराया गया जाता ही है, पर हाय उस मनुष्य पर, जिस के द्वारा वह पकड़वाया जाता है!
ERVHI
22. क्योंकि मनुष्य का पुत्र तो मारा ही जायेगा जैसा कि सुनिश्चित है किन्तु धिक्कार है उस व्यक्ति को जिसके द्वारा वह पकड़वाया जाएगा।”
IRVHI
22. क्योंकि मनुष्य का पुत्र तो जैसा उसके लिये ठहराया गया, जाता ही है, पर हाय उस मनुष्य पर, जिसके द्वारा वह पकड़वाया जाता है!”
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