HOV
25. और जब तू किसी दूसरे के खड़े खेत में जाए, तब तू हाथ से बालें तोड़ सकता है, परन्तु किसी दूसरे के खड़े खेत पर हंसुआ न लगाना॥
ERVHI
25. जब तुम दूसरे की पकी अन्न की फसल के खेत से होकर जा रहे हो तो तुम अपने हाथ से जितना उखाड़ा, खा सकते हो। किन्तु तुम हँसिये का उयोग दूसरे के अन्न को काटने और लेने के लिए नहीं कर सकते।
IRVHI
25. और जब तू किसी दूसरे के खड़े खेत में जाए, तब तू हाथ से बालें तोड़ सकता है, परन्तु किसी दूसरे के खड़े खेत पर हँसुआ न लगाना।
KJV
AMP
KJVP
YLT
ASV
WEB
NASB
ESV
RV
RSV
NKJV
MKJV
AKJV
NRSV
NIV
NIRV
NLT
MSG
GNB
NET
ERVEN