HOV
17. यदि तू अपने मन में सोचे, कि वे जातियां जो मुझ से अधिक हैं; तो मैं उन को क्योंकर देश से निकाल सकूंगा?
ERVHI
17. “अपने मन में यह न सोचो, ‘ये राष्ट्र हम लोगों से अधिक शक्तिशाली हैं। हम उन्हें बलपूर्वक कैसे भगा सकते हैं?’
IRVHI
17. “यदि तू अपने मन में सोचे, कि वे जातियाँ जो मुझसे अधिक हैं; तो मैं उनको कैसे देश से निकाल सकूँगा?
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