पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
प्रेरितों के काम
HOV
29. सो परमेश्वर का वंश होकर हमें यह समझना उचित नहीं, कि ईश्वरत्व, सोने या रूपे या पत्थर के समान है, जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़े गए हों।

ERVHI
29. “और क्योंकि हम परमेश्वर की संतान हैं इसलिए हमें यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि वह दिव्य अस्तित्व सोने या चाँदी या पत्थर की बनी मानव कल्पना या कारीगरी से बनी किसी मूर्ति जैसा है।

IRVHI
29. अतः परमेश्‍वर का वंश होकर हमें यह समझना उचित नहीं कि ईश्वरत्व, सोने या चाँदी या पत्थर के समान है, जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़े गए हों। (उत्प. 1:27, यशा. 40:18-20, यशा. 44:10-17)



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  • सो परमेश्वर का वंश होकर हमें यह समझना उचित नहीं, कि ईश्वरत्व, सोने या रूपे या पत्थर के समान है, जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़े गए हों।
  • ERVHI

    “और क्योंकि हम परमेश्वर की संतान हैं इसलिए हमें यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि वह दिव्य अस्तित्व सोने या चाँदी या पत्थर की बनी मानव कल्पना या कारीगरी से बनी किसी मूर्ति जैसा है।
  • IRVHI

    अतः परमेश्‍वर का वंश होकर हमें यह समझना उचित नहीं कि ईश्वरत्व, सोने या चाँदी या पत्थर के समान है, जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़े गए हों। (उत्प. 1:27, यशा. 40:18-20, यशा. 44:10-17)
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