HOV
20. क्योंकि बहुत समय पहिले मैं ने तेरा जूआ तोड़ डाला और तेरे बन्धन खोल दिए; परन्तु तू ने कहा, मैं सेवा न करूंगी। और सब ऊंचे-ऊंचे टीलों पर और सब हरे पेड़ों के नीचे तू व्यभिचारिण का सा काम करती रही।
ERVHI
20. “यहूदा बहुत पहले तुमने अपना जुआ फेंक दिया था। तुमने वह रस्सियाँ तोड़ फेंकी जिसे मैं तुम्हें अपने पास रखने में काम में लाता था। तुमने मुझसे कहा, ‘मै आपकी सेवा नहीं करूँगा!’ सच्चाई यह है कि तुम वेश्या की तरह हर एक ऊँची पहाड़ी पर और हर एक हरे पेड़ के नीचे लेटे और काम किये।
IRVHI
20. “क्योंकि बहुत समय पहले मैंने तेरा जूआ तोड़ डाला और तेरे बन्धन खोल दिए; परन्तु तूने कहा, 'मैं सेवा न करूँगी।' और सब ऊँचे-ऊँचे टीलों पर और सब हरे पेड़ों के नीचे तू व्यभिचारिण का सा काम करती रही।
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