HOV
27. क्योंकि बन्धुए को भेजना और जो दोष उस पर लगाए गए, उन्हें न बताना, मुझे व्यर्थ समझ पड़ता है॥
ERVHI
27. कुछ भी हो मुझे किसी बंदी को उसका अभियोग-पत्र तैयार किये बिना वहाँ भेज देना असंगत जान पड़ता है।”
IRVHI
27. क्योंकि बन्दी को भेजना और जो दोष उस पर लगाए गए, उन्हें न बताना, मुझे व्यर्थ समझ पड़ता है।”
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