HOV
34. और स्वर्ग की ओर देखकर आह भरी, और उस से कहा; इप्फत्तह, अर्थात खुल जा।
ERVHI
34. फिर स्वर्ग की ओर ऊपर देख कर गहरी साँस भरते हुए उससे कहा, “इप्फतह।” (अर्थात् “खुल जा!”)
IRVHI
34. और स्वर्ग की ओर देखकर आह भरी, और उससे कहा, “इप्फत्तह*!” अर्थात् “खुल जा!”
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