HOV
22. परन्तु देह के वे अंग जो औरों से निर्बल देख पड़ते हैं, बहुत ही आवश्यक हैं।
ERVHI
22. इसके बिल्कुल विपरीत शरीर के जिन अंगो को हम दुर्बल समझते हैं, वे बहुत आवश्यक होते हैं।
IRVHI
22. परन्तु देह के वे अंग जो औरों से निर्बल* देख पड़ते हैं, बहुत ही आवश्यक हैं।
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