पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
नीतिवचन
HOV
34. जाति की बढ़ती धर्म ही से होती है, परन्तु पाप से देश के लोगों का अपमान होता है।

ERVHI
34. नेकी से राष्ट्र का उत्थान होता है; किन्तु पाप हर जाति का कलंक होता है।

IRVHI
34. जाति की बढ़ती धर्म ही से होती है, परन्तु पाप से देश के लोगों का अपमान होता है।



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  • जाति की बढ़ती धर्म ही से होती है, परन्तु पाप से देश के लोगों का अपमान होता है।
  • ERVHI

    नेकी से राष्ट्र का उत्थान होता है; किन्तु पाप हर जाति का कलंक होता है।
  • IRVHI

    जाति की बढ़ती धर्म ही से होती है, परन्तु पाप से देश के लोगों का अपमान होता है।
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