HOV
18. क्योंकि अन्त में फल होगा, और तेरी आशा न टूटेगी।
ERVHI
18. एक आशा है, जो सदा बनी रहती है और वह आशा कभी नहीं मरती। — 15 —
IRVHI
18. क्योंकि अन्त में फल होगा, और तेरी आशा न टूटेगी।
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